Tuesday 18 August 2015

सालगिराह

'दीना' के उन संकरी गलियों से तू आया ही मेरे और मेरे जैसे कई और दोस्तों के लिए.'
जो तुझे अपना मान चुकेँ है.
जिनसे तू बातें करता है,
जिनके हर वक़्त तू साथ साथ चलता है.

कभी 'फुरसत के दिन ढूंढने' में,
तो कभी इस शहर में घूमते हुए
'आशियाना' ढूंढते हुए तू साथ है.

मुझे आज भी वो दिन याद है जिस दिन घर छोड के
एक नया जहाँ बसाने के लिए ट्रेन में बैठा था 
तब 'छोड़ आए हम वो गलियाँ' कहते हुए बाजू में था.!

जब उसे पहली बार देखा था, 
तब तुनेही 'नैनो की मत मानियो रे, नैनो की मत सुनियो,
नैना ठग लेंगे ठग लेंगे'
कह के आगाह भी किया था,
फिर भी मैंने तेरी एक नहीं सुनी. !!!

जब उसने 'कजरारे' नैनो से
'ओ साथी रे दिन डुबे ना'
कहके मुझे आवाज दी, 
तब भी हल्की सी मुस्कान दे कर मुझे जाने दिया !!!

ये और ऐसे कई अनगिनत लम्हों में तून मेरे साथ है 
मेरे जिन्दगी के हर एक लम्हे में साथ देने वाले दोस्त 'गुलजार' तुझे सालगिराह मुबारक हो !!!

Thursday 13 August 2015

छोड ना यार

तो म्हणतो, चल उठ वाच भगतसिंग घालु थोडं थैमान
मी  म्हणतो , छोड़ दे  गोली मार ना यार

तो म्हणतो, चल आपण  बोलू तिच्या बापाशी पेटवू सारं  रान
मी  म्हणतो, छोड़ वो मेरे नसीब में ही नहीं  थी कश  मार ना यार

तो म्हणतो, चल उठ दाखवू जगाला लायकी आपली
मी  म्हणतो,  छोड़ दे चुपचाप पेग मार ना यार

तो म्हणतो , या साल्या भ्रष्टाचार्याना गोळ्याच घालायला पाहिजे
मी  म्हणतो,  कालच लाच दिली एकाला छोड़ हवा आने दे ना यार

जिप्सी 

Saturday 8 August 2015

दिवानगी

इस शहर से अब गुजर जाना चाहिए
रंग 'उदासी' का रंग ढूंढने जाना चाहिए

वक्त आ गया है की साहिल को छोड़ दे अब
समंदर तुझे भी शहर-ए-वफ़ा छोड़ना चाहिए

घर से निकलोगे तभी कारवाँ बनेगा
आखरी मंजिल तक जाना चाहिए

मुद्दते हो गई 'दिवानगी' किये हुए
कुछ ख्वाहिशो को भी पूरा होना चाहिए

जिप्सी

Wednesday 5 August 2015

सफर

उम्र भर तेरे साथ चलता रहा मैं
कुछ तू भी मेरे हिस्से का सफर कर ले

यूँही सहता रहा तेरे हिस्से का जब्र मै
कभी तू भी अपनी जिंदगी नजर कर ले

नफरत भी शिद्दत से तू कर ना पाया कभी
प्यार का एक लफ्ज हो सकें बोल ले

जिप्सी